बड़ी होती हुई बेटी को देख माँ के मन में किस तरह के भाव आते हैं, वह इस कविता में दर्शाए गए हैं। बड़ी होती हुई बेटी को देख माँ के मन में किस तरह के भाव आते हैं, वह इस कविता में द...
बेटियों की वर्तमान स्थिती को बंया करती कविता। बेटियों की वर्तमान स्थिती को बंया करती कविता।
बेटी की शक्ति को पहचाना। जीवनदायिनी बता उसको, फिर मां ने ऐसे पाला था।। बेटी की शक्ति को पहचाना। जीवनदायिनी बता उसको, फिर मां ने ऐसे पाला था।।
इज्जत करलो इसकी तो ये जन्नत बड़ी सुहानी है,बे इज्जती नही सहेगी क्यों कि ये मर्दानी है। इज्जत करलो इसकी तो ये जन्नत बड़ी सुहानी है,बे इज्जती नही सहेगी क्यों कि ये मर्दान...
बचपन से जवानी फिर बुढ़ापे तक, पैरों पे जकड़ी रिवाजों की जंज़ीरें, बचपन से जवानी फिर बुढ़ापे तक, पैरों पे जकड़ी रिवाजों की जंज़ीरें,
तेरे जरा से डांटने पर जो में रो देती थी, तू कहती ससुराल जाकर क्या गुल खिलायेगी, तो त तेरे जरा से डांटने पर जो में रो देती थी, तू कहती ससुराल जाकर क्या गुल खिलायेग...